कुछ चिन्ह छोड़ दें -गीता द्विवेदी
कुछ चिन्ह छोड़ दें -गीता द्विवेदी मृत्यु आती है ,सदियों से अकेले ही ,बार – बार , हजार बारलाखों , करोड़ों , अरबों बार ।पर अकेले जाती नहीं ,ले जाती है अपने साथ ,उन्हें , जिन्हें ले जाना चाहती है । एक , दो या हजारकुछ भयभीत रहते हैं ,उसके नाम से , उसकी छाया … Read more