हाइकु प्रथम शतक

हाइकु

हाइकु शतक १.खेत में डेराहाथ में मोटी रोटीदूध की डोली२तेल बिनौरीसिर पर छबड़ीगीत गुंजन३होली के रंगचौपाल पर ताशचंग पे भंग४.नीम का पेड़वानर अठखेलीदंत निंबोली५सम्राट यंत्रधूप घड़ी देखताविद्यार्थी दल६संग्रहालयकांँच बाँक्स में ‘ममी’उत्सुक छात्रा७गुलाब बागपैंथर पिँजरे मेंकूदे वानर८मोती मंगरीतोप पे लेते सेल्फीसैलानी बाला९विजय स्तंभसैलानी लेते फोटोपद्मिनी ताल१०.पुष्कर मेलाबैलगाड़ी में बैठेविदेशी बाला११आना सागरकीकर छाँव बैठारेत पे मृग१२सिंधु का … Read more

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 9

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक भाग 9 ४०१/शम्मी के पेड़धनिष्ठा वसु व्रतमंगल स्वामी ४०२/मंडलाकारसौ तारे शतभिषाराहु की दशा। ४०३/ रोपित करेंपूर्व भाद्रपद मेंआम्र का वृक्ष। ४०४/मांस का दानउत्तरा भाद्रपदपूजा निम्ब के । ४०५/कांसे का दानरेवती पूषा व्रतमहुआ पूजा। ४०६/श्रीराम जन्मअभिजीत जातकहै भाग्यशाली ।   ४०७/ सांध्य का ताराशुक्र बन अगुआलड़े अंधेरा । ४०८/तरू की मुट्ठीधंस चली धरा मेंबचाने … Read more

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 8

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक ३५१/ धरा की तापहरते मौन वृक्षतप करते ३५२/ झुलस जायेतन मन जीवनऐसी तपन। ३५३/ है ऐसी धुपनैन चौंधिया जायेतेजस्वरूप । ३५४/   लू की कहरखड़ी दोपहर में  धीमा जहर ३५५/मेघ गरजेबिजली सी चमकेरूष्ट हो जैसे । ३५६/बादल छायाएकाकार हो गयेधरा अंबर। ३५७/मेघ ढाल सा।बिजली की कटारबूंदों की बौछार । ३५८/मेघ घुमड़ेबारिश की चादरधरती … Read more

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 7

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक ३०१/आज के नेताहै जनप्रतिनिधिनहीं सेवक। ३०२/है तू आजादबचा नहीं बहानातू आगे बढ़। ३०३/.मित्र में खुदाकरे निस्वार्थ प्रेमरिश्ता है जुदा। ३०४/ छाया अकालजल अमृत बिनधरा बेहाल। ३०५/ सांध्य सिताराशुक्र बन अगुआलड़े अंधेरा। ३०६/ स्वाभिमान हीसबसे बड़ी पूंजीजीवन कुंजी। ३०७/ बानी हो मीठीचुम्बकीय खिचावशीतल छांव। ३०८/ प्रेरणा पथखुला पग पग मेंपरख चल। ३०९/अच्छे करमपरलोक संपत्तिजीवन … Read more

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 6

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक २५१/ रात की सब्जी~जय वीरू की जोड़ीआलू बैंगन। २५२/ पंचफोरन~बैंगन की कलौंजीप्लेट में सजा। २५३/ बाजार सजा~डलिया में बैंगनइतरा रहा। २५४/ सब्जी का राजा~(बैंगन)ताज भांति सिर मेंडंठल सजा।   २५५/ रात की सब्जी~जय वीरू की जोड़ीआलू बैंगन। २५६/ पंचफोरन~बैंगन की कलौंजीप्लेट में सजा। २५७/ विषम दशा~साहसी नागफनीजीके दिखाता। २५८/ जुदा कुरूप~गमला में सजतामैं … Read more