आगे हरेली तिहार – रविन्द्र दुबे बाबू

आगे हरेली तिहार - रविन्द्र दुबे बाबू

आगे हरेली तिहार झूम झूम के सावन आगे, बादर करिया अमावस ममजा उडाबो,माटी मतियाबो, हरेली पहली तिहारी हे ।। बिहन ले गाँव के टुरा जुड़ गे , नरियर फेकेन जम के, गेड़ी खपायेन टेंग टेंग रेंगेन, झूमत संग संगवारी हे ।। नागर फांद के चीला खवाइश, भूति करे बनिहारिनछत्तीसगढ़ म हरियाली छाए, खेत खार आउ … Read more

हरेली त्यौहार पर हिंदी कवितायें

हरेली त्यौहार की महत्व का वर्णन कविता के माध्यम से किया गया है।