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यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर० कालिका प्रसाद सेमवालके हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

  • जिन्दगी पर कविता

    जिन्दगी पर कविता

    मंजिल लक्ष्य

    जिन्दगी तो प्रेम की एक गाथा है,
    जिन्दगी भावुक प्रणय की छाँव है,
    जिन्दगी है वेदना की वीथिका सी
    जिन्दगी तो कल्पना की छुवन भर है।

    जिन्दगी है चन्द सपनों की कहानी,
    जिन्दगी विश्वास के प्रति सावधानी,
    जिन्दगी इतिहास है निर्मम् समय का
    जिन्दगी तो आँसुओं की राजधानी।

    जिन्दगी तो लहलहाती फसल सी है
    जिन्दगी कल्पनाओं के सुनहरे महल सी है
    जिन्दगी तो कामनाओ का घुटन भर है
    जिन्दगी तो कल्पना की छुअन भर है।
                 

    जिन्दगी तो एक  स्वप्न सा सुहावना है
    जिन्दगी का नाम ही सम्भावना है
    लोग कुछ भी कहे इस जिन्दगी को
    पर जिन्दगी तो मौत की ही प्रस्तावना है।

    कालिका प्रसाद सेमवाल
    मानस सदन अपर बाजार
    रूद्रप्रयाग (उत्तराखंड)

  • जब याद तुम्हारी आती है

    जब याद तुम्हारी आती है

    जब याद तुम्हारी आती है
    मन आकुल व्याकुल हो जाता है
    तुम चांद की शीतल छाया हो
    तुम प्रेम की तपती काया हो।


    तुम आये भर गये उजाले
    सफल हुए सपने जो पाले
    द्वार हंसे, आंगन मुसकाये
    भाग्य हो गये मधु के प्याले ।


    तुम हो सावन की रिमझिम फुहार
    तुम फागुन के रंग रसिया
    जिन क्षणों तुम साथ  रहे हो
    वहीं पर मेरे मधु मास हुए हैं।

    तुम दूर रहो या पास रहो
    तुम्ही प्रेम का एहसास हो
    इस बहती जीवन धारा में
    तुम जीने की आस हो।

    कालिका प्रसाद सेमवाल
    मानस सदन अपर बाजार
    रुद्रप्रयाग उत्तराखंड 246171