जीवन की नैया धीरे-धीरे खेना
जीवन की नैया धीरे-धीरे खेना (छंद मुक्त रचना)"ओ खेवइया।जीवन की नैया,है बहुत ख़ूबसूरत,कमसिन है,भरी हुई है नज़ाकत से।देख,लहरें आ रहीं है दौड़कर,डुबोने को तत्पर।सम्हाल पतवार,ख़ीज लहरों की,तूफ़ान साथ ला सकती…
जीवन की नैया धीरे-धीरे खेना (छंद मुक्त रचना)"ओ खेवइया।जीवन की नैया,है बहुत ख़ूबसूरत,कमसिन है,भरी हुई है नज़ाकत से।देख,लहरें आ रहीं है दौड़कर,डुबोने को तत्पर।सम्हाल पतवार,ख़ीज लहरों की,तूफ़ान साथ ला सकती…
जिन्दगी पर कविता जिन्दगी तो प्रेम की एक गाथा है,जिन्दगी भावुक प्रणय की छाँव है,जिन्दगी है वेदना की वीथिका सीजिन्दगी तो कल्पना की छुवन भर है। जिन्दगी है चन्द सपनों…
*ग़ज़ल* बहर- 2222 2222 काफिया- आन, रदीफ़- नहीं है
जीवन उथल पुथल कर देगा पल भर का सम्पूर्ण समागम ,जीवन उथल पुथल कर देगा।तुम चाहे जितना समझाओ,पर यह भाव विकल कर देगा। 1.आँखो में आँखो की भाषा ,लिखना पढ़ना…
जीवन भर का संचित धन हिंदी कविता गाँव पर हिंदी कविता सांध्य परिदर्शनगृह का पृष्ठ भाग उपवन है,तरु, लता, वनस्पति सघन है,मेरी यह दिनचर्या में शामिल,जीवन भर का संचित धन…
मेरी जीवन यात्रा मेरी ये यात्रामुट्ठी बंद शून्य सेअशून्य की ओर।जैसे ही नैन खुले,चाहिए खिलौने।और एक चमकता भोर। पाने की तलाश।जिसकी बुझे ना प्यास।ये कुछ पाना ही बंधन है ।पर…
Submit : 16 Sep 2022, 10:56 AMEmail : [email protected] रचनाकार का नामदूजराम साहू अनन्य सम्पर्क नम्बर8085334535 रचना के शीर्षकजीनगी रचना के विधाहरिगितिका छंद रचना के विषयजिनगी रचनाहरिगितिका छंद ये जिंदगी…
जिंदगी एक पतंग - आशीष कुमार उड़ती पतंग जैसी थी जिंदगीसबके जलन की शिकार हो गईजैसे ही बना मैं कटी पतंगमुझे लूटने के लिए मार हो गईसबकी इच्छा पूरी की…
इस ग़ज़ल के माध्यम से संसार की भंगुरता और अस्थिरता की बात की जा रही है।अपने कर्तव्ययों का निष्ठापूर्वक निर्वहण करके गीता के आप्त वचनों को अंगीकार करने एवं सवेदनशील रहने की बात की गई है।