यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर ० मदन सिंह शेखावत के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

गाय पर कविता (दोहा) – मदन सिंह शेखावत

गाय एक महत्त्वपूर्ण पालतू पशु है जो संसार में प्रायः सर्वत्र पाई जाती है। इससे उत्तम किस्म का दूध प्राप्त होता है। हिन्दू, गाय को 'माता' कहते हैं। इसके बछड़े…

Continue Readingगाय पर कविता (दोहा) – मदन सिंह शेखावत

परिचारिका पर कविता -मदन सिंह शेखावत

इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेस (नर्स लोगन के अंतर्राष्ट्रीय समीति) एह दिवस के 1965 से हर साल मनावेले। जनवरी 1974, से एकरा के मनावे के दिन 12 मई के चुनल गइल जवन की फ्लोरेंस…

Continue Readingपरिचारिका पर कविता -मदन सिंह शेखावत

दीवारे खिंचने लगी भाई भाई बीच

दीवारे खिंचने लगी भाई भाई बीच दीवारे खिंचने लगी,भाई भाई बीच।रहा प्रेम अब है कहाॅ,काम करे सब नीच।। खींचो मत दीवार अब,रहने दो कुछ प्यार।सभी यही रह जायगा,खुशियाँ मिले अपार।।…

Continue Readingदीवारे खिंचने लगी भाई भाई बीच

हरियाली अमावस्या आज

श्रावण कृष्ण पक्ष अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है। देश के कई भागों विशेषकर उत्तर भारत में इसे एक धार्मिक पर्व के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के रूप में मनाया जाता है।

Continue Readingहरियाली अमावस्या आज

किसान (कुण्डलिया)-मदन सिंह शेखावत

किसान (कुण्डलिया) खेती खुशियो की करे, बोए प्रेम प्रतीत।निपजाता मोती बहुत, सुन्दर आज अतीत।सुन्दर आज अतीत,पेट कब वह भर पाता।हालत बहुत खराब, दीन है अन्न प्रदाता।कहे मदन करजोर, ध्यान कृषकों…

Continue Readingकिसान (कुण्डलिया)-मदन सिंह शेखावत

दर्द पर दोहे- मदन सिंह शेखावत ढोढसर

दर्द पर दोहे दर्द किसी को दे नही ,हे  जग  के करतार।दर्द देखा जाय नही ,किससे करू पुकार ।।1 दीन दुखी सब खुश हो, पीड़ा किसे न आय।सब जनता खुश…

Continue Readingदर्द पर दोहे- मदन सिंह शेखावत ढोढसर

गुरु बिन जीवन व्यर्थ है- मदन सिंह शेखावत ढोढसर

भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने…

Continue Readingगुरु बिन जीवन व्यर्थ है- मदन सिंह शेखावत ढोढसर

गुरु महिमा – मदन सिंह शेखावत

भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने…

Continue Readingगुरु महिमा – मदन सिंह शेखावत

फागुन माह पर दोहा -मदन सिंह शेखावत

फागुन माह पर दोहा -मदन सिंह शेखावत फागुन मास सुहावना, उड़ती रंग गुलाल।खेले अपनी मौज मे,कुछ भी नही मलाल।।1 फागुन आयो हे सखी, पिया बसे परदेश।कुछ भी अच्छा ना लगे,आये…

Continue Readingफागुन माह पर दोहा -मदन सिंह शेखावत

नेक काम पर कविता

नेक काम पर कविता आये हो संसार मे, नेक काम कर जाय।विपदा आफत टाल कर,सब की करे सहाय।सब की करे सहाय,प्रभु ने लायक बनाया।मेहर उस की होय,खुशिया जी भर लुटाया।कहै…

Continue Readingनेक काम पर कविता