नन्हीं चिड़िया पर कविता – मीना रानी

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नन्हीं चिड़िया पर कविता माँतेरे आंगन कीमैं एकनन्हीं चिड़ियाखेलती-चहचहातीआंगन मेंसुबह उठते हीकानों मेंरस भरतीफुदकती फिरतीमुझे देखभूल जाती तूंसारे गम जहान केकाम दिन-रात मैं करतीतेरी सेवा मैं करती बदले में कुछ न चाहतीबड़ी हुई तोउड़ गई इस आंगन सेमाँ भूल न जानाइस नन्हीं चिड़िया को । -मीना रानी, टोहानाहरियाणा

बचपन पर कविता

जन्म से लेकर किशोरावस्था तक के आयु काल को कहते है। विकासात्मक मनोविज्ञान में, बचपन को शैशवावस्था (चलना सीखना), प्रारंभिक बचपन (खेलने की उम्र), मध्य बचपन (स्कूली उम्र), तथा किशोरावस्था (वयः संधि) के विकासात्मक चरणों में विभाजित किया गया है। इसी प्यारे बचपन पर ही आधारित है यह बचपन पर कविता बचपन पर कविता मेरा बचपन- … Read more