माँ पर कविता
माँ पर कविता बड़ी हसरत भरी आँखे लिए क्या ताकती है माँ ।नहीं कहती जुबाँ से वो मगर कुछ चाहती है माँ ।।बदलते रोज हम कपड़े नये फैशन जमाने के ,तुम्हे कुछ है पता साड़ी पुरानी टांकती है माँ…
यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है।
माँ पर कविता बड़ी हसरत भरी आँखे लिए क्या ताकती है माँ ।नहीं कहती जुबाँ से वो मगर कुछ चाहती है माँ ।।बदलते रोज हम कपड़े नये फैशन जमाने के ,तुम्हे कुछ है पता साड़ी पुरानी टांकती है माँ…
यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। माँ सी हो गई…