माँ गंगा पर कविता
माँ गंगा पर कविताकलयुग के अत्याचारों को देख, माँ गंगा पुकारे….वर्षों के पावन तप से , मैं इस धरती पर आयी।पर आज…
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यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है।