बेटी (चौपाईयाँ) – डॉ एन के सेठी
बेटी (चौपाईयाँ) – डॉ एन के सेठी बेटी करती घर उजियारा।दूर करे जग काअँधियारा।।बेटी होती सबकी प्यारी।लगती है सबसे ही न्यारी।। सृष्टा की सुंदर सृष्टी है।करती खुशियों की वृष्टी है।।बेटी घर को पावन करती।घर पूरा खुशियों से भरती।। बेटी आन बान घर घर की।बेटी रौनक है इस जग की।। बेटी आँगन की फुलवारी।पापा की है … Read more