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गाय पालन पर छत्तीसगढ़ी कविता

गाय पालन पर छत्तीसगढ़ी कविता पैरा भूँसा ,कांदी-कचरा,कोठा कोंन सँवारे,हड़ही होगे ,बछिया कहिके रोजेच के धुत्कारे।। बगियाके बुधारू ,छोड़िस,गउधन आन खार।बांधे-छोरे जतने के,झंझट हे बेकार।। बछिया आगे शहर डहर अउपारा-पारा घुमय।कोनो देदे रोटी-भातलइका मन ह झुमय।। देखते-देखत बछिया संगीघोसघोस ले…

गाय पर कविता (दोहा) – मदन सिंह शेखावत

गाय एक महत्त्वपूर्ण पालतू पशु है जो संसार में प्रायः सर्वत्र पाई जाती है। इससे उत्तम किस्म का दूध प्राप्त होता है। हिन्दू, गाय को ‘माता’ कहते हैं। इसके बछड़े बड़े होकर गाड़ी खींचते हैं एवं खेतों की जुताई करते…

गाय गरुवा के हड़ताल

गाय गरुवा के हड़ताल हमरो बनय राशन कारड चारा मिलय सरकारी ।सब्बो योजना ल छोड़ भर पेट मिलय थारी।जब तक पूरा न होवय गरुवा घुरुवा अउ बारी ।गाय गरुवा के हड़ताल रही जारी…….। छत्तीसगढ़ के चारो कोती हामर हावय चिन्हारी…