दहेज दानव

दहेज सामाजिक बुराई पर आधारित कविता

हे नारी तू खास है

चोका:- नारी तू खास है★★★★★ हर युद्ध काजो कारण बनतालोभ, लालचकाम ,मोह स्त्री हेतुपतनोन्मुखइतिहास गवाहस्त्री के सम्मुखधाराशायी हो जाताबड़ा साम्राज्यशक्ति का अवतारनारी सबला।स्त्री चीर हरण सेकौरव नाशमहाभारत कालरावण अंतसीता हरण करस्त्री अपमानहर युग का अंत।आज का दौरनारी सब पे भारीगर ठान लेदिशा मोड़े जग कासहनशीलप्रेम त्याग की देवीधैर्य की धागाबांधकर रखतीदेवों का वासतेरे आस पास … Read more

ओ नारी- मनीभाई नवरत्न

ओ नारी- मनीभाई नवरत्न जिन्दगी चले ना, बिन तेरे ओ नारी!उठा ली तूने,  सिर अपने  ऐसी जिम्मेदारी । मर्दों ने नाहक किये खुद पे ऐतबार ।सच तो यह है कि नारी होती जग की श्रृंगार ।महक ऐसे , फूल जैसे खिल उठे क्यारी क्यारी ।रोशन होता रहे तेरा जी,  फैले ज्ञान की चिनगारी ।। संयमित … Read more

नारी चेतना पर कविता

नारी चेतना पर कविता ऐ! नारीतू करती है अराधनाउन अराध्यों कीजो हैं तेरे दोषीकिया शोषण सदैवजिन्होंने तेरा समझा तुझेश्रंगार-रस कीविषय-वस्तुनहीं दिया हकसमानता काकिया सदैव भेदभाव गवाह हैं इस सबकेअनेक धर्म-ग्रंथजो चीख-चीख करकरते हैं ब्यानतेरे शोषण की कहानी -विनोद सिल्ला©

नारी की व्यथा पर कविता

महिला (स्त्री, औरत या नारी) मानव के मादा स्वरूप को कहते हैं, जो स्त्रीलिंग है। महिला शब्द मुख्यत: वयस्क स्त्रियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। किन्तु कई संदर्भो में यह शब्द संपूर्ण स्त्री वर्ग को दर्शाने के लिए भी प्रयोग मे लाया जाता है, जैसे: नारी-अधिकार।  नारी की व्यथा पर कविता बरसों पहले आजाद हुआ देशपर अब भी बेटी आजाद … Read more