यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर0 राजेश पाण्डेय अब्र के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
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समर शेष है रुको नहीं अब करो जीत की तैयारी आने वाले भारत की बाधाएँ होंगी खंडित सारी,
राजद्रोह की बात करे जो उसे मसल कर रख देना देश भक्ति का हो मशाल जो उसे शीश पर धर लेना,
रुको नहीं तुम झुको नहीं अब मानवता की है बारी सुस्त पड़े थे शीर्ष पहरुए जन मानस दण्डित सारी,
कालचक्र जो दिखलाए, तुम उसे बदल कर रख देना कठिन नहीं है कोई चुनौती दृढ़ निश्चय तुम कर लेना,
तोड़ो भी सारे कुचक्र तुम आदर्शवाद को तज देना नयी सुबह में नई क्रांति का गीत वरण तुम कर लेना ।
राजेश पाण्डेय “अब्र” अम्बिकापुर
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