प्रस्तुत कविता शंकर छंद विधान पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।
शंकर छंद विधान
- शंकर छंद विधान में 26 मात्रा 16,10पर यति होता है
- पदान्त गुरु लघु
- प्रति दो चरण तुकांत।
शिव महिमा (शंकर छंद)
नम:शिवाय ऊँ नमः शिवाय,
भजें शिव का नाम।
बम बम बम बम कहते जाओ,
चलो शिव के धाम।।
शिव शंकर भोले भण्डारी,
प्रजा पति भगवान।
परमेश्वर अनंत हरि हर हो,
हर लो सब अज्ञान।।
डम डम डम डम डमरू बाजे,
बनते सभी काम।
बम बम बम बम कहते जाओ
चलो शिव…….
कष्ट अनेकों दूर किये हैं
ऐसे महादेव ।
नीलकंठ शशिशेखर मेरे,
भोले वामदेव।।
बाघम्बर तन छाल लपेटे,
मन में बसे राम।
बम बम बम बम कहते जाओ,
चलो शिव…..
जटाजूट कवची शिवशंकर,
भोले महाकाल।
शर्व शिवाप्रिय देव दिगम्बर,
सोहे चन्द्र भाल ।।
श्रावण सोम अमावस के दिन,
जपूँ आठो याम।
बम बम बम बम कहते जाओ,
चलो शिव……
– – रमेश शर्मा
खण्डार, सवाईमाधोपुर, राज.