by कविता बहार | Jun 30, 2023 | हिंदी कविता
शिव में ध्यान लगा शिव पर कविता शिव में ध्यान लगा, रे मनुवा.शिव में ध्यान लगा.शिव में ध्यान लगा, रे मनुवा.शिव में ध्यान लगा. मौका मिला तुझे , शिव से मिलने को .जाने ना दे ये पल, दिन है ढलने को ।वरना होगा गुनाह, मिले ना फिर पनाह.मन से अपने आलस भगा .शिव में ध्यान लगा, रे... by कविता बहार | Mar 14, 2023 | हिंदी आरती
शिव पर कविता शिवरात्रि पर कविता शिव को ध्याने के लिए लो आ गई रात्रि।मौका मिला है शिव की करने को चाकरी। शिव को मनाने के लिए बस श्रद्धा चाहिए।शिव को पाना जो चाहो तो नजरिया चाहिए।हो मुक्कमल सफ़र अपना और जाए यात्री। हम जन्म मरण से मुक्त हों और पाएं मोक्ष को।मंजिल कठिन हो... by कविता बहार | Mar 13, 2023 | हिंदी आरती
शिव पर कविता शिव महिमा कविता शिव शिवा शिव शिवा शिव शिवा ।शिव शव हैं……शिवा के सिवा। शिव अपूर्ण हैं शक्ति के बिनाशक्ति कब पूर्ण हैं शिव के बिनाअनुराग का सत इनका है वफ़ा। लोचन मोचन वि..मोचन सबल तुम होकांति चमक दामिनी सकल तुम होकायनात का कण तूने है रचा।... by कविता बहार | Jan 20, 2023 | हिंदी आरती
जय शिव शम्भू कृपा करो जय शिव शम्भू कृपा करो हम भक्तन के क्लेश हरो जय शिव जय शिव ॐ नम: ॐ नम: जय शिव जय शिव 1 पर्वत पर हरियाली तुम से सागर में खुशहाली तुम से गंगा हैं मतवाली तुम से संतन के संताप हरो हे शिव शम्भू कृपा करो 2 कृपा सिंधु है ह्रदय तुम्हारा मांगो जो मिलता एक... by कविता बहार | Jul 30, 2022 | विविध छंदबद्ध काव्य
शिव – मनहरण घनाक्षरी उमा कंत शिव भोले, डमरू की तान डोले, भंग संग भस्म धारी, नाग कंठ हार है। शीश जटा चंद्रछवि, लेख रचे ब्रह्म कवि, गंग का विहार शीश, पुण्य प्राण धार है। नील कंठ महादेव, शिव शिवा एकमेव, शुभ्र वेष मृग छाल, शैल ही विहार है। किए काम...