मुझे पता है – रामनाथ साहू ” ननकी
मुझे पता है – रामनाथ साहू ” ननकी मुझे पता है ,तू मेरा होकर भी मेरा नहीं है । हृदय पटल पर ज्ञात बसेरा नहीं है ।।ये सिर्फ ढोंग ही है ऐ सनम् मेरे ।तुमसे बेहतर कोई लुटेरा नहीं है ।। मुझे पता है ,कभी मिलन संभव नहीं होगा अपना ।ये रिवायतें तोड़ देंगी हर … Read more