कोरोना के कहर से कोई न अछूता है
कोरोना के कहर से कोई न अछूता है ,
किसी का ऑक्सीजन बिना दम घूंटा ,तो कोइ घूंट घूंट कर जीता है ।
इस बीमारी ने न जाति देखा न धर्म न समुदाय ,
बड़े बड़े साधु संत , मौलवी , फादर भी कहाँ बच पाए…।
किसी का अपनों का साथ तो किसी का रोजगार छूटा है ,
स्कूल कोचिंग पर ताला तो, करोड़ो विद्यार्थियों का सपना टूटा है ।
रोक तो वो भी न पाये अपने देश की बदहाली ,
जो दुनिया मे दावा करते थे हम है शक्तिशाली ।
कोरोना के शव के पास जब कोई नहीं आता तो लगता हर नाता रिश्ता झूठा है ,
इस संकट के घड़ी मे बहुतो ने कालाबाजारी कर भी लुटा है ।
मन मे विश्वास रखे और सावधानी से रहे… यह वक़्त भी गुजर जायेगा ,
अब वो वक़्त भी दूर नहीं जब हर चेहरा मुस्कुरायेगा ।
✍🏻 Written by – Rohit Kumar Lucky
Muzaffarpur , Bihar