अकिल की शायरी
अकिल की शायरी चाहत है ये मेरी कुछ ऐसा कर जाऊँ,भारत की धरती को अपने लहू से रंग जाऊँ। ख्वाहिश थी ये मेरी की माँ की गोद में झूमलूँ,बुढ़े वालिद की नजर को पढ़ूँ और बीबी के हाथों को चूम…
अकिल की शायरी चाहत है ये मेरी कुछ ऐसा कर जाऊँ,भारत की धरती को अपने लहू से रंग जाऊँ। ख्वाहिश थी ये मेरी की माँ की गोद में झूमलूँ,बुढ़े वालिद की नजर को पढ़ूँ और बीबी के हाथों को चूम…
प्रेम आधारित रचना
आर्यन की शायरी 1.हम जमाने से बेहद सताए हुए हैंमगर अपनी इज्जत बचाए हुए हैंमार डालेगा दुश्मन जमाना तेराइसलिए तुझको दिल में छुपाए हुए हैंभले जुल्म कर ले ये सारा जमानामगर फिर भी हम दिल लगाए हुए हैं 2.सच बता…