अकिल की शायरी
अकिल की शायरी चाहत है ये मेरी कुछ ऐसा कर जाऊँ,भारत की धरती को अपने लहू से रंग जाऊँ। ख्वाहिश थी ये मेरी की माँ की गोद में झूमलूँ,बुढ़े वालिद की नजर को पढ़ूँ और बीबी के हाथों को चूम लूँ। कोई बतादे मुझको कहाँ है वो बचपन की गलियाँ,वो गुड्डा – गुड्डी, चोर-सिपाही, दोस्त … Read more