शुभ दीपावली / स्वपन बोस,, बेगाना,,
शुभ दीपावली दीपावली की शुभ दिन आज आया है।जगमग, जगमग हर घर द्वार सजा है।दीपावली की शुभ दिन आया है। दूर हो दुःखों का अंधेरा सबने अपने आंगन में उम्मीद की दीपक जलाया है।सच्चा दीपावली उसी का है, जिसके हृदय…
शुभ दीपावली दीपावली की शुभ दिन आज आया है।जगमग, जगमग हर घर द्वार सजा है।दीपावली की शुभ दिन आया है। दूर हो दुःखों का अंधेरा सबने अपने आंगन में उम्मीद की दीपक जलाया है।सच्चा दीपावली उसी का है, जिसके हृदय…
इस कविता में शरद पूर्णिमा की चांदनी रात को अद्वितीय सौंदर्य और गहरे भावनात्मक जुड़ाव से जोड़ा गया है। चंद्रमा की रोशनी प्रियसी के मिलन की प्रतीक्षा को दर्शाती है, जबकि मानव जीवन में भगवान से दूर होने की पीड़ा…
राधा और श्याम की प्रेम कविता तू मेरी राधा मैं तेरा श्याम हूं।तुमसे प्रेम करके मैं बदनाम हूं। तुझे देखें बिन ,मेरी जीवन की बांसुरी में सूर कहां? तू है मेरे साथ तो सुंदर लगता है,यह सारा जहां। बस तेरी…
हर क्षण नया है। साल नया आ गया गौर से देखो हर क्षण नया होता है।कुछ मिलता है, कुछ खोना होता है।हर क्षण नया होता है। जीवन के इस सफर में, कोई अपना कोई पराया होता है।सुख, दुःख की दो…
श्याम कैसे मिले राधा से–स्वपन बोस श्याम कैसे मिले राधा से।राधा कृष्ण तो एक है ,फिर भी श्याम जुदा है राधा सेश्याम कैसे मिले राधा से,,,,,,। प्रेम की ये कैसी पीड़ा है आंसू हैं विरह के दोनों ओर , जैसे…
हरेली त्यौहार की महत्व का वर्णन कविता के माध्यम से किया गया है।