वट सावित्री पूजा पर दोहे -बाबू लाल शर्मा
वट सावित्री पूज कर, जो रखती उपवास।
धन्य धन्य है भारती, प्राकत नारी आस।।
ढूँढे पूजन के लिए, बरगद दुर्लभ पेड़।
पथ भी दुर्गम हो रहे, हुई कँटीली मेड़।।
पेड़ सभी है काम के, रखना इनका ध्यान।
दीर्घ आयु होता सखे, वट का पेड़ महान।।
पुत्र सरीखे पालिए, सादर तात समान।
फूल छाँव फल दे यही, ईंधन काष्ठ प्रमान।।
बरगद पीपल पूजना, हो तब ही साकार।
पौधारोपण से करें, धरती का शृंगार।।
© बाबू लाल शर्मा, बोहरा , विज्ञ