योग पर दोहे /डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”

योग पर दोहे में डिजेंद्र कुर्रे योग के महत्व को बयां करते हैं, कि योग हमें शांति और सजावट प्रदान करता है,

योग पर दोहे /डिजेन्द्र कुर्रे "कोहिनूर"

योग पर दोहे /डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”

योग क्रिया तन को करें, अतुल परम बलवान।
इसके पुण्य प्रभाव से, मिटते छल अभिमान।।

चरक पतंजलि ने दिया, हमको अनुपम योग।
दूर करें तन से सदा, सरल सहज सब रोग।।

पावन तन मन आत्म हो, जनम बने सुखधाम।
योग क्रिया करना प्रथम, तब करना कुछ काम।।

नाश करें सब रोग का, और बड़े मुख ओज।
व्रत संयम मन धारकर, योग करें सब रोज।।

ध्यान लगाकर जो करें , पावन प्राणायाम।
आसन जप तप साधना,और जपो प्रभु नाम।।

डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”

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