युवा वर्ग आगे बढ़ें
छन्द – मनहरण घनाक्षरी
युवा वर्ग आगे बढ़ें,
उन्नति की सीढ़ी चढ़ें,
नूतन समाज गढ़ें,
एकता बनाइये।
नूतन विचार लिए,
कर्तव्यों का भार लिए,
श्रम अंगीकार किए,
कदम बढ़ाइए।
आँधियाँ हैं सीमा पार,
काँधे पे है देश भार,
राष्ट्र का करें उद्धार,
वक्त पहचानिए।
बहकावे में न आयें,
शिक्षा श्रम अपनायें,
राष्ट्र संपत्ति बचायें,
आग न लगाइए।
…. ✍सुश्री गीता उपाध्याय
रायगढ़ (छत्तीसगढ़)