आज अंधकार है (aaj andhkar hai)
सारा गांव में।
आज हाहाकार है
पानी दांव में।
फिर हुआ संघर्ष
युग पड़ाव में।
कहां छुपा है मनु
किस नाव में।
आज अंधकार है,
सारा गांव में।
विकास नहीं ,
विनाश को न्यौता है।
अखिल धरा में।
चिन्ता की बात नहीं
चिन्तन की मुद्दा है।
मनीभाई ‘नवरत्न’, छत्तीसगढ़,
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