जीने के लिए जल, फिर कहां आएगा ?
संकट छा जाए ,इससे पहले बदल
जल है तो है कल
जल है तो है कल
“ये रक्त है मेरी’, सदा से धरती माँ कहती
हीरा मोती पैसे जीने के लिए नहीं जरूरी
जल के बिना हर दौलत हो जाती अधुरी
आने वाले कल के लिए , जा तू संभल
जल है तो है कल
जल है तो है कल
जल बचाने के लिए, हरियाली नदी किनारा हो।
विनाश की शोर सुनो, “विकास विकास” ना चिल्लाओ।
स्वार्थी इतना मत बनो कि कुल्हाड़ी अपने पैर चलाओ।
जन को जगाने के लिए ,बना लो दल।
जल है तो है कल
जल है तो है कल
छत्तीसगढ़