लाली लाली
लाली लाली चूड़ी माँ के , लाली बिंदी लगाये हे।
बघवा मा हे बइठे दाई , मोर दुवारी आये हे।।
लाली लाली सिंदूर माँ के , लाली महुर रचाये हे ।
सबला अशीष दे के माता , मने मन मुस्काये हे ।।
लाली लाली होंठ हवय माँ , लाली मेंहदी लगाये हे ।
दया मया सब बर करथे माँ , नव दिन बर वो आये हे ।।
लाली लाली लुगरा माँ के , लाली चुनर चढ़ाये हे।।
हाथ जोड़ के भक्त सबोझन , माथा अपन नवाये हे।।
रचना
प्रिया देवांगन “प्रियू”
पंडरिया (कवर्धा)
छत्तीसगढ़