अधखिली कली सी तुम अनारकली

अधखिली कली सी तुम अनारकलीअधखिली कली सी तुम अनारकली।तुम्हें देख कर मन में हो खलबलीबुरा हाल है मेरा जब से तुम्हें देखा ।तुम्हें अपना बना लेने की मैंने सोच रखा।जानूं ना तेरी अदाओं को क्या है असली नकली ।ख्वाबों में मैंने तेरी तस्वीर ही बनाया।तू ही तू हर लम्हा मेरे ख्यालों में आया ।तुम ही … Read more

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बेकरार दिल तुझे हुआ क्या

बेकरार दिल तुझे हुआ क्या बेकरार दिल …तुझे हुआ क्या ?तुझे देख कर ही जिंदगी हुई रंगीन।दीदार हुआ चांद का, चेहरा तेरा आफरीन ।आफरीन तेरी अदा ।ऑफरीन सबसे जुदाआफ़रीन माशा अल्लाह।आफरीन मेरे खुदा ।बेकरार दिल …तेरी खूबसूरती अब तलक थी मस्तूरी ।तू ना जाने हिरणी कहां तेरी कस्तूरी ।बन गई तू मेरे लिए कलमा,मेरा सजदा … Read more

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कोई आता जाता नहीं – रामनाथ साहू ननकी

कोई आता जाता नहीं – रामनाथ साहू ननकी रिक्त हुआ मन का मदिरालय ,कोई आता जाता नहीं ।सभी शराबी बने पुजारी ,प्याला दिल बहलाता नहीं ।। आज मौन मन होकर बैठा ,उसी नदी के किनारे पर ।जिसे देख होती थी बातें ,इतराते थे सहारे पर ।।शब्द भाव सब हैं मुरझाए ,क्यों कोई सहलाता नहीं ।रिक्त … Read more

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हिन्दी कुंडलिया: घायल विषय

हिन्दी कुंडलिया: घायल विषय घायल रिपु रण में मिले , शरणार्थी है जान ।प्राण बचाने शत्रु का, नीर कराओ पान।नीर कराओ पान, सीख मानवता लेकर।भेदभाव को त्याग, प्रेम का परिचय देकर।कहे पर्वणी दीन, शत्रु फिर होंगे कायल ।समर भूमि में देख , करें सब सेवा घायल।। घायल करते कटु वचन, हृदय बढ़ाते पीर ।शब्द बाण … Read more

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हिन्दी दोहा मुक्तक : अहिंसा विषय

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हिन्दी दोहा मुक्तक : अहिंसा विषय देख देश की दुर्दशा,गाँधी छेड़े युद्ध ।सत्य अहिंसा मार्ग से, बनकर योगी बुद्ध।आंदोलन की राह में, सत्य बना आधार।मार खदेड़े शत्रु को, होकर भारी क्रुद्ध।। छोड़ें हिंसा राह को, चलें अहिंसा राह ।खून खराबा कृत्य से, हो जाएं आगाह।हमें बचाना देश हैं, वार्ता करके संधि ।हम रखवाले हैं वतन … Read more

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हिन्दी कुंडलियां : सरगम विषय

हिन्दी कुंडलियां : सरगम विषय सरगम है जानो सदा, सप्तसुरों का साज।पाकर स्वर संगीत को , मिले नयी परवाज ।मिले नयी परवाज, साधना सप्त सुरों में।करें शारदा वास, हमारे ही अधरों में ।कहे पर्वणी दीन, बने स्वर नाद विहंगम ।अद्भुत संगम गीत, सजे मधुरिम है सरगम।। सरगम के जब सुर छिड़े, जीवन मधुबन मान।अंतः उर … Read more

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धरती तुझे प्रणाम

धरती तुझे प्रणाम माथ नवाकर नित करूँ , धरती तुझे प्रणाम ।जीव जंतु का भूमि ही , होता पावन धाम ।। खेले कूदे गोद में , सबकी माँ हो आप ।दुष्ट मनुज को भी सदा , देती ममता थाप ।। धरती माँ जैसी नहीं , कोई पालन हार ।सबका सहती भार ये , महिमा अपरंपार … Read more

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दीवारे खिंचने लगी भाई भाई बीच

दीवारे खिंचने लगी भाई भाई बीच दीवारे खिंचने लगी,भाई भाई बीच।रहा प्रेम अब है कहाॅ,काम करे सब नीच।। खींचो मत दीवार अब,रहने दो कुछ प्यार।सभी यही रह जायगा,खुशियाँ मिले अपार।। भित्ति गिरा दो घृणा की,बांट सभी को प्यार ।दो दिन की है जिन्दगी,हिल मिल रहना यार।। प्रभु ने भेजा जगत में,सुन्दर करने काम।चुने सखा दीवार … Read more

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हम भारत के वासी

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हम भारत के वासी जन्म लिए जिस पुण्य धरा पर,इस जग में जो न्यारा है।हम भारत के वासी हम तो,कण -कण इसका प्यारा है। देश वासियों चलो देश का,हमको मान बढ़ाना हैं।दया-धरम सदभाव प्रेम से,सबको गले लगाना हैं।द्वेष-कपट को त्याग हृदय से,सुरभित सुख के हेम रहे।हिन्दू मुस्लिम,सिख-ईसाई,सब में अनुपम प्रेम रहे।मुनियों के पावन विधान ने,जग … Read more

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सावन पर दोहे

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सावन पर दोहे ★★★★★★★★सावन में पड़ने लगी,रिमझिम सरस फुहार।हरित चुनर ओढ़ी धरा,सुरभित है संसार।। कोयल कूके बाग में , दादुर करते शोर।सौंधी माटी की महक,फैल रही चहुँ ओर।। कल कल कर बहने लगी,धरती में जल धार।पावस का वरदान पा,आलोकित संसार।। तरु लता सब झूमकर , देते है संदेश।प्रेम रहे सब जीव में,छोड़ो कपट कलेश।। पावस … Read more

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