
राजकुमार मसखरे की कवितायेँ
यहाँ पर राजकुमार मसखरे की कवितायेँ प्रकाशित की गयी हैं आप इन कविता को पढ़कर अपनी राय जरुर दें कि आपको कौन सी कविता अच्छी लगी. इन्हें पहचान ! कितने राजनेताओं के सुपुत्रसरहद में जाने बना जवान !कितने नेता हैं…
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यहाँ पर मनीलाल पटेल उर्फ़ मनीभाई नवरत्न की 50 कवितायेँ एक साथ दिए जा रहे हैं आपको कौन सी कविता अच्छी लगी हो ,कमेंट कर जरुर बताएँगे. कविता 1 क्यों टोकाटाँकी करते हैं ? बच्चे अपने मन से जब जब …
डिजेन्द्र कुर्रे कोहिनूर के मुक्तक कविता मुक्तक – बदरिया की घटाओ सी बदरिया की घटाओ सी ,तेरी जुल्फें ये कारे हैतेरे माथे की बिंदिया से, झलकते चाँद तारे हैकभी देखा नहीं हमने, किसी चंदा को मुड़ मुड़ केमगर पूनम तेरी…
महदीप जंघेल की कविता बचपन जीने दो भविष्य की अंधी दौड़ में,खो रहा है प्यारा बचपन।टेंशन इतनी छोटी- सी उम्र में,औसत उम्र हो गया है पचपन। गर्भ से निकला नहीं कि,जिम्मेदारी के बोझ तले दब जाते,आपको ये बनना है,वो बनना…
यहाँ पर मनीलाल पटेल उर्फ़ मनीभाई नवरत्न की 10 कवितायेँ एक साथ दिए जा रहे हैं आपको कौन सी कविता अच्छी लगी हो ,कमेंट कर जरुर बताएँगे. हिंदी कविता 1 आगे बढ़ो आगे बढ़ो , आगे बढ़ो ,पीछे ना हटो…
कवि रमेश कुमार सोनी की कविता बसंत के हाइकु – रमेश कुमार सोनी 1 माली उठाते/बसंत के नखरे/भौंरें ठुमके। 2 बासंती मेला/फल-फूल,रंगों का/रेलमपेला। 3 फूल ध्वजा ले/मौसम का चितेरा/बसंत आते। 4 बागों के पेड़/रोज नया अंदाज़/बसंत राज। 5 बासंती जूड़ा/रंग-बिरंगे…
भारत के प्रथम सीडीएस वीर बिपिन रावत जी का गुणगान कविता के माध्यम से किया गया है।
प्रस्तुत हिंदी कविता का शीर्षक मनुष्य का मन जोकि ताज मोहम्मद है. इसे मानव जीवन को आधार मानकर रची गयी हैं".
प्रस्तुत हिंदी कविता का शीर्षक अपने पापा की मैं हूँ। है जोकि ताज मोहम्मद की रचना है. इसे बेटी को आधार मानकर रची गयी हैं".
बचपन में माँ हमें लोरी सुनाती है माँ के बड़े होने पर वह रात मे सो नही पाती तब उसे सुलाने केलिए किए गये जतन का चित्रण