होबै ब्याहु करौ तइयारी – उपमेंद्र सक्सेना

होबै ब्याहु करौ तइयारी चलिऔ संग हमारे तुमुअउ, गौंतर खूब मिलैगी भारीराम कली के बड़े लला को, होबै ब्याहु करौ तइयारी। माँगन भात गई मइके बा, लेकिन नाय भतीजी मानीबोली मौको बहू बनाबौ, नाय करौ कछु आनाकानीजइसे -तइसे पिंड छुड़ाओ, खूबै भई हुँअन पै ख्वारीराम कली के बड़े लला को, होबै ब्याहु करौ तइयारी। पहिना … Read more

मंजिल पर कविता – सृष्टि मिश्रा

मंजिल पर कविता राही तू आगे बढ़ता चल, देखो मंजिल दूर नहीं है।मेहनत कर आगे बढ़ता चल, देखो वो तेरे पास खड़ी है।। सच्चाई के ताकत के बल पर,अपने सपनों को पूरा कर।दिखा दे अपने जज्बे को तू,मातृभुमि की रक्षा कर।।राही तू आगे बढ़ता चल, देखो मंजिल दूर नहीं है। मत सह जुल्म और अत्याचारों … Read more

स्वाभिमान पर कविता

स्वाभिमान पर कविता जब शब्द अधरों से परे हुए और कोरे कागज काले कर जायें तो जब अंधेरा ही अंधेरा हो और एक चिंगारी जल जाए तो जब हार गए और टूट गए बिखरे फिर भी रूके नहीं स्वाभिमान फिर भी मरा नहीं गिरे मगर झुके नहीं।। तूफानों का मंजर था सामने दुश्मन लिए खंजर … Read more

माँ शारदे की कृपा

माँ शारदे की कृपा अज्ञानता का नाश हो ज्ञान का दीप जले माँ शारदे की कृपा हो जाए सफलता तब गले मिले। निकाल लाता ज्ञान के मोती उच्च हो जाती ज्ञान की ज्योति माँ शारदे की कृपा जो होती अब तक अज्ञानता में पले। ज्ञान का कमल खिलता अज्ञानता के सरोबर में मेहनत से कर … Read more

मन की अभिलाषा

मन की अभिलाषा वेदना का हो अंत फिर आए जीवन में बसंत मन की प्रसन्नता हो अनंत दुःख का पूर्णविराम हो मन में न कोहराम हो। आस का पंक्षी सहन पाए उड़ने को पूरा गगन पाए दुविधा में न क्षण लुटाए मन का मधूर सुर तान हो मन में न कोहराम हो। संघर्ष का मार्ग … Read more