गणपति को विघ्ननाशक, बुद्धिदाता माना जाता है। कोई भी कार्य ठीक ढंग से सम्पन्न करने के लिए उसके प्रारम्भ में गणपति का पूजन किया जाता है।
भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन “गणेश चतुर्थी” के नाम से जाना जाता हैं। इसे “विनायक चतुर्थी” भी कहते हैं । महाराष्ट्र में यह उत्सव सर्वाधिक लोक प्रिय हैं। घर-घर में लोग गणपति की मूर्ति लाकर उसकी पूजा करते हैं।
श्रीगणेश करते कृपा देते भक्ति नवीन
====================
शंकर सुवन कहे गये ,
हुए भवानी नन्द।
भ्राता भी अति श्रेष्ठ हैं,
जिनके प्रभु स्कन्ध।।
भूमि-भवन-धन के लिए,
जातक करे पुकार।
पान-फूल-लड्डू लिए,
खड़े करें मनुहार।।
आर्त्त भाव से जो करे,
विनय भक्त अति दीन।
श्रीगणेश करते कृपा,
देते भक्ति नवीन।।
सात्विक श्रद्धा से मिले,
सभी तरह सुख चैन।
मिल जाते हैं छिन चुके,
भक्तों को नव-नैन।।
भक्ति रहे निष्काम ही,
मन में उत्तम भाव।
तो गणेशजी भक्त का,
करते सदा बचाव।।
====================
एन्०पी०विश्वकर्मा, रायपुर,
*************************