मात पिता पूजन दिवस दोहे
सीमा पर रक्षा करे, अपने वीर जवान।
मरते मान शहीद से, जीते उज्ज्वल शान।।
प्रेम दिवस पर है विनय , सुनिये सभी सुजान।
मात पिता को नेह दें, मन विश्वासी मान।।
न्यौछावर हैं देश पर , मातृभूमि के पूत।
त्याग और बलिदान हित, क्षमता लिए अकूत।।
मातृ शक्ति को कर नमन, नारी का सम्मान।
सृष्टि संतुलन संचरण, रखें आन अरु शान।।
मात जन्म देती हमें, पाल पोष संस्कार।
लेना नित आशीष तुम, करना सच सत्कार।।
मात पिता गुरुदेव के, ईश धरा अरु देश।
हम कृतज्ञ इनके रहें, सद्भावी परिवेश।।
माने तो पितृ देव हैं, दे जीवन पर्यन्त।
कविजन लिखते हारते, महिमा अमित अनंत।।
मात लगाती वाटिका , रक्षक पिता सुजान।
मात पिता का श्रम सखे, फल भोगे संतान।।
मात पिता पूजन दिवस, आज मने त्यौहार।
दो प्रसून सप्रेम तुम, उत्तम मृदु आहार।।
मात पिता के बोल शुभ, अनुभव है अनमोल।
मान सदा उनका करें, मधुर बोल रस घोल।।
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© बाबू लाल शर्मा बौहरा, विज्ञ