रूपमाला/मदन छंद [सम मात्रिक] विधान – 24 मात्रा, 14,10 पर यति, आदि और अंत में वाचिक भार 21 गाल l कुल चार चरण , क्रमागत दो-दो चरणों में तुकांत l
उदाहरण :
देह दलदल में फँसे हैं, साधना के पाँव,
दूर काफी दूर लगता, साँवरे का गाँव l
क्या उबारेंगे कि जिनके, दलदली आधार,
इसलिए आओ चलें इस, धुंध के उसपार l
– ओम नीरव