गुरु पूर्णिमा पर कविता: गुरु पूर्णिमा का यह पर्व महर्षि वेद व्यास को समर्पित है क्योंकि आज ही के दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। इस दिन शिष्य अपने गुरुओं की पूजा करते हैं…
गुरुस्तुति
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु ,गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः ।
गुरुवर मेरा उद्धार करो
o आचार्य मायाराम ‘पतंग’
गुरुवर मेरा उद्धार करो।
पद वंदन को स्वीकार करो।
दर-दर भटका ठोकर खाई ।
सुख-शांति मुझे ना मिल पाई ॥
जब से ली सुखद शरण गुरुवर ।
तब से मुझ में हिम्मत आई ॥
अब भक्ति भाव संचार करो।
गुरुवर मेरा उद्धार करो।
सत्युग सुमति का दाता है।
हरि चिंतन मन को भाता है ।
क्षमता है क्षीण हुई स्वामी
साधना न तन कर पाता है।
मत और अधिक लाचार करो।
गुरुवर मेरा उद्धार करो ॥
दर्शन की अभिलाषा मन में।
पर साहस शेष नहीं तन में ॥
जब तक ना दृष्टि दयामय हो
पाऊँ संतोष न नयनन में ।
दर्शन दो बेड़ा पार करो ।
गुरुवर मेरा उद्धार करो ॥