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हे नटनागर हे गिरधारी – भजन अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “

यह एक भजन है जिसमे कान्हा की भक्ति एवं उनकी कृपा प्राप्ति का प्रयास किया गया है | कंचन कर दो काया मेरी , हे नटनागर हे गिरधारी - भजन - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम "
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गोवर्धन कर धरते हो/ प्रवीण त्रिपाठी

गोवर्धन कर धरते हो/ प्रवीण त्रिपाठी नटवर नागर प्यारे कान्हा, गोवर्धन कर धरते हो।इंद्र देव का माधव मोहन, सर्व दर्प तुम हरते हो। ब्रज मंडल के सब नर-नारी, इंद्र पूजते…
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कृष्ण रंग रंगी मीरा /अर्चना पाठक

कृष्ण रंग रंगी मीरा/ अर्चना पाठक Shri Krishna तज महल अटारी ,कर सितार लिये गली गली श्याम संग घूमी मीरा । वीणा के तार कृष्ण दास हुये भक्ति के रंग…
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श्री कृष्ण स्तुति

श्री कृष्ण स्तुति सीता - छंद परिचय - पंचदशाक्षरावृत्ति Shri Krishna गण-विन्यास--र त म य र SIS SSI SSS ISS SIS     --साँवरे श्रीकृष्ण मेरे दुर्गुणों को ही हरो। …
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राधा पुकारे तोहे श्याम- केवरा यदु मीरा की भजन

जिसका प्रकार भक्तिकाल में मीरा अपने श्रीकृष्ण के भक्ति में रंग गई थी, वैसे ही आज राजिम की कवयित्री केवरा यदु मीरा अपने श्याम के रंग में रंगकर अपना भजन लिखी जा रही है. उनके भजन संग्रह में से
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गिरिराज गोवर्धन की महिमा

गिरिराज गोवर्धन की महिमा Shri Krishna संसार में भक्ति प्रेम अनुरक्ति से मिलता छप्पर फाड़।ब्रज वासियों की रक्षा में उठाये कृष्ण गोवर्धन पहाड़। द्वापर युग की बात,क्यों पूजन करें हम…
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श्रीकृष्ण पर कविता – रेखराम साहू

श्रीकृष्ण पर कविता - रेखराम साहू Shri Krishna महाव्याधि है मानवता पर, धरा-धेनु गुहराते हैं।आरत भारत के जन-गण,हे कान्हा! टेरते लगाते हैं।।चित्त भ्रमित संकीर्ण हुआ है,हृदय हताहत जीर्ण हुआ है।धर्मभूमि…
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सम्पूर्ण श्री कृष्ण गाथा पर कविता

सम्पूर्ण श्री कृष्ण गाथा Shri Krishna कृष्ण लीलाकाली अँधेरी रात थी ,होने वाली कुछ बात थी ,कैद में थे वासुदेव,देवकी भी साथ थीं। कृष्ण का जन्म हुआ,हर्षित मन हुआ,बंधन मुक्त…
1 मई अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 1 May International Labor Day

मजदूर की दशा पर कविता

मजदूरों के नाम समर्पित यह दिन 1 मई है। मजदूर दिवस को लेबर डे, श्रमिक दिवस या मई डे के नाम से भी जाना जाता है। श्रमिकों के सम्मान के साथ…
Global-Warming-

पृथ्वी माता पर कविता/  विजय कुमार कन्नौजे

पृथ्वी माता पर कविता/  विजय कुमार कन्नौजे Global-Warming- मां की गरिमा मां ही जानेंइनकी महिमा कौन बखानेमातृ भूमि को मेरा प्रणामसीना तानें जग को बचाने।। रसातल गगन बीच बैठकरसम भाव…