अंकुर-रामनाथ साहू ” ननकी “

अंकुर अंकुर आया बीज में , लेता नव आकार ।एक वृक्ष की पूर्णता , देखे सब संसार ।।देखे सब संसार , समाहित ऊर्जा भारी ।अर्ध खुले हैं नैन , प्रकृति…

कोरोना कइसे भागही – महदीप जंघेल

कोरोना कइसे भागही - महदीप जंघेल दारू भट्ठी में भीड़ ल देखके,मोला लगथे अकबकासी।कोरोना बेरा मा अइसन हालत ले,लगथे अब्बड़ कलबलासी। बिहनिया ले कतार म ठाढ़ होके,घाम पियास म अइंठत…

एक अकेले मदन मोहन

एक अकेले मदन मोहन कुछ  लोग होते हैं, जो महान होते हैं, महात्मा कहलाते हैं, कुछ लोग होते हैं, जो पवित्र होते हैं, शुद्धात्मा कहलाते हैं  कुछ लोग होते हैं…

वन्दे मातरम् – बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय

यह गीत बंकिम चंद्र जी के उपन्यास आनंदमठ (1882) का हिस्सा है। उपन्यास में इसे सन्यासी क्रान्तिकारी गाते हैं। इस गीत में संस्कृत और बांग्ला भाषाओं का मिश्र-प्रयोग हुआ है। इसके पहले दो पैराग्राफ़ को भारत के राष्ट्रीय गीत के रूप में मान्यता प्राप्त है।

ऊर्जा संरक्षण पर कविता-महदीप जंघेल

ऊर्जा संरक्षण पर कविता - महदीप जंघेल आओ मिलकर ऊर्जा दिवस मनाएँ।ऊर्जा की बचत का महत्व समझाएँ।। टीवी,पंखा,कूलर,बल्ब में ऊर्जा बचाएँ।आवश्यकता हो तभी, इसे उपयोग में लाएँ।। कच्चे तेल,कोयला,गैस की…

शिव स्तुति – केंवरा यदु मीरा

प्रस्तुत कविता शिव स्तुति भगवान शिव पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।

पेड़ धरा की शान है परमेश्वर साहू अंचल

पेड़ धरा की शान है परमेश्वर साहू अंचल पेड़ धरा की शान है, नेक सफ़ल अभियान।आओ रोपें मिलकर, तजें तुच्छ अभिमान।।हवा शुद्ध करता यही, खास नेक पहचान।जड़ी बूटी है काम…

कर्ज पर कविता – मनोरमा चन्द्रा

कर्ज पर कविता - मनोरमा चन्द्रा कर्ज तले जो दब गए, होते हैं गमगीन।उसकी निंदा छोड़ तू, समझ उसे मत दीन।।कर्ज लिया जो आज है, उसे नहीं तू भूल।जो तुमने…

सतत् क्रिया है खोज- मनोरमा चन्द्रा

सतत् क्रिया है खोज- मनोरमा चन्द्रा सबकी अपनी दृष्टि है, एक अलग ही खोज।जो मन को अच्छा लगे, वही करत जन रोज।।जीव खोजता ईश को, लेकिन है अंजान।ईश्वर हृदय विराजते,…

मदिरा मंंदिर एक सा- रामनाथ साहू ” ननकी “

मदिरा मंंदिर एक सा मदिरा का पर्याय है , माधव मोहन प्यार ।कभी कहीं उतरे नहीं , छके भरे रससार ।।छके भरे रससार , प्रेमरस पीले पगले ।क्या जाने कल…