चौपाई छंद [सम मात्रिक] कैसे लिखें
चौपाई छंद [सम मात्रिक] विधान – इसके प्रत्येक चरण में 16 मात्रा होती हैं , अंत में 21 या गाल वर्जित होता है , कुल चार चरण होते हैं , क्रमागत दो-दो चरण तुकांत होते हैं l उदाहरण :बिनु पग…
चौपाई छंद [सम मात्रिक] विधान – इसके प्रत्येक चरण में 16 मात्रा होती हैं , अंत में 21 या गाल वर्जित होता है , कुल चार चरण होते हैं , क्रमागत दो-दो चरण तुकांत होते हैं l उदाहरण :बिनु पग…
श्रृंगार छंद (उपजाति सहित) [सम मात्रिक] विधान – इसके प्रत्येक चरण में 16 मात्रा होती हैं, आदि में क्रमागत त्रिकल-द्विकल (3+2) और अंत में क्रमागत द्विकल-त्रिकल (2+3) आते हैं, कुल चार चरण होते हैं , क्रमागत दो-दो चरण तुकांत होते…
पदपादाकुलक/राधेश्यामी/मत्तसवैया छंद [सम मात्रिक] विधान – पदपादाकुलक छंद के एक चरण में 16 मात्रा होती हैं , आदि में द्विकल (2 या 11) अनिवार्य होता है किन्तु त्रिकल (21 या 12 या 111) वर्जित होता है, पहले द्विकल के बाद…
राधिका छंद [सम मात्रिक] विधान – इसके प्रत्येक चरण में 22 मात्रा होती हैं, 13,9 पर यति होती है, यति से पहले और बाद में त्रिकल आता है, कुल चार चरण होते हैं , क्रमागत दो-दो चरण तुकांत होते हैं…
कुण्डल/उड़ियाना छंद [सम मात्रिक] विधान – इसके प्रत्येक चरण में 22 मात्रा होती हैं, 12,10 पर यति होती है , यति से पहले और बाद में त्रिकल आता है औए अंत में 22 आता है l यदि अंत में एक…