"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।
कैमरे पर कविता वे रहते हैं ब्लैकआउट कमरों मेंवे हमें देखकर चलते है दांवबंद होते हैं उनके दरवाज़े और किवाड़हर बार हमारे साथ होता है खिलवाड़ हम देख नहीं पातेकोई…
सुबह पर कविता सुबह सबेरे दृश्य सुबह-सुबह सूरज ने मुझेआकर हिचकोलाऔर पुचकारते हुए बोलाउट्ठो प्यारेसुबह हो गई हैआलस त्यागोमुँह धो लो मैंने करवट बदलते हुएअंगड़ाई लेते हुएलरजते स्वर में बोलासूरज…
आख़िर गुस्तागी पर कविता अहम से भरा मूर्तिमानराजन ऊँचे आसन परविराजमान थाचाटुकार मंत्रीगणउनके नीचे इर्द गिर्द बैठे हुए थे दरबार में मेरी पेशी थीमुझे ही मेरी गुस्ताख़ी पता नहीं थामुझ…
आविष्कारों पर कविता ये जो रेफ्रीजरेटरवैज्ञानिकों ने बनाया हैकमाल हैसब्ज़ी भाजी को सड़ने नहीं देताऔर खाने पीने की चीजों कोरखता है बड़ा ठंडा-ठंडा कुल-कुल ये एयर कंडीशनर भीबड़े कमाल के…
गंजापन पर कविता मेरा मित्र गंजाथा बहुत हिष्ट पुष्ट और चंगातपती धूप में अकेले खड़ा थाउसका दिमाग़ न जानेकिस आइडिया में पड़ा था?मेरा बदन तो धूप में जल रहा थापर…
कवि पर कविता ?मेरा मित्रएक कवि को दूर से आता देखअचानक रुकने लगाबगल वाली गली में जाकरन जाने क्यों छुपने लगामैंने कहा-यारकवि से उधार लिया है पैसाया चुराया है उसका…
शराब पर कविता कुण्डलिया छंद पीना छोड़ शराब को,इससे है नुकसान।तन मन खूब खराब हो,बीमारी की खान।।बीमारी की खान,रखो अपने सुध बुध को।खुश हो घर परिवार,रोक लेना तुम खुद को।छोड़…
प्रस्तुत कविता शिव स्तुति भगवान शिव पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।