दिन गुज़र गए बातें रह गई
दिन गुज़र गए बातें रह गई
दिन गुज़र गए बातें रह गई
वन्दनवार:भारतीय के शत्रु हैं भारतीय ही आज =================गुरु की आज्ञा मानकर, केरल की छवि देख। रहने वालों पर लिखे, सबने सुन्दर लेख। १।सबके लेखों में मिले, जीवन सुखमय गान। शंकर के इस लेख को, मिली अलग पहचान।२। भारतीय हैं मानते, अतिथि देव की रीति ।इसीलिए आगंतुकों, से करते हैं प्रीति ।३।किन्तु परस्पर हैं बँटे, पाने … Read more
इस रचना को झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई को समर्पित किया गया है इसमें उनकी चारित्रिक विशेषताओं की झलक मिलती है |झाँसी की रानी- एक श्रद्धांजलि – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
कोरोना संक्रमण में देखा वह हाल उस दौर के जो शब्द मन से आए मेने उसे लिखने का प्रयास किया