कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

दीपक हो उदास-माधवी गणवीर

दीपक हो उदास गर दीपक हो उदास तो दीप कैसे जलाऊ……उन्यासी बरस की आजादी काक्या हाल हुआ उनकी बर्बादी का,सत्ता के लुटेरे देखे,बेरोजगारी की बार झेलेभष्ट्राचारी, लाचारी,भुखमरी का,क्या अब राग सुनाऊ…..दीप कैसे जलाऊ।अपने ही करते आएअपनो पर आहत,लाख करू जतन मिलती नही राहतकैसे…

माँ लक्ष्मी वंदना- डॉ.सुचिता अग्रवाल “सुचिसंदीप”

jai laxmi maata

माँ लक्ष्मी वंदना चाँदी जैसी चमके काया, रूप निराला सोने सा।धन की देवी माँ लक्ष्मी का, ताज चमकता हीरे सा। जिस प्राणी पर कृपा बरसती, वैभव जीवन में पाये।तर जाते जो भजते माँ को, सुख समृद्धि घर पर आये। पावन…

धनतेरस त्यौहार पर कविता-संतोष नेमा “संतोष”

धनतेरस त्यौहार पर कविता धन की वर्षा हो सदा,हो मन में उल्लास तन स्वथ्य हो आपका,खुशियों का हो वास जीवन में लाये सदा,नित नव खुशी अपारधनतेरस के पर्व पर,धन की हो बौछार सुख समृद्धि शांति मिले,फैले कारोबाररोशनी से रहे भरा,धनतेरस…

दीप से दीप जले-श्याम कुँवर भारती

दीप से दीप जले  दिल से दिल मिले ,दीप से दीप जले |दिवाली मे हर मुख मुस्कान खिले |हर घर हो रोशनी से जगमग |घर गरीबो हो खुशिया दीप से दीप जले |मिट्टी घर ही नहीं झोपड़ी उजाला रहे |बच्चे…