आत्महंता का अधिकार -आर आर साहू
आत्महंता का अधिकार जहाँ सत्य भाषण से पड़ जाता संकट में जीवन।वहाँ कठिन है कह पाना कवि की कविता का दर्शन।। गुरु सत्ता पे शासन की सत्ता जब होती हावी।वहाँ जीत जाता अधर्म,धर्म की हानि अवश्यंभावी।। जो दरिद्र है,वही द्रोण की समझ सकेगा पीड़ा।मजबूरी पर क्रूर नियति की व्यंग्यबाण की क्रीड़ा।। राजा हो धृतराष्ट्र,चेतना गांधारी … Read more