कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

दिखा दे अपनी मानवता- शशिकला कठोलिया

दिखा दे अपनी मानवता लेकर कोई नहीं आया ,जीवन की अमरता ,क्षणभंगुर संसार में ,दिखा दे अपनी मानवता । देशकाल जाति पाति की ,दीवारों को तोड़कर ,छुआछूत ऊंच नीच की ,सबी विविधता को हर ,हर इंसान के मन से ,मिता…

मैं हूं एक लेखनी-शशिकला कठोलिया

मैं हूं एक लेखनी मैं हूं एक लेखनी ,क्यों मुझे नहीं जानता ,निरादर किया जिसने ,जग में नहीं महानता।जिसने मुझे अपनाया ,हुआ वह बड़ा विद्वान ,जिसने किया आदर ,मिला यश और सम्मान ,मेरे ही द्वारा हुआ ,रचना महाभारत रामायण ,साहित्यो…

वर्षा ऋतु पर कविता -हरीश पटेल

वर्षा ऋतु पर कविता आज धरा भी तप्त हुई है।हृदय से शोले निकल पड़े हैं।।कण-कण अब करे पुकार ।आ जाओ वर्षा एक बार।। प्यास अब उमड़ चुकी है ।जिंदगी को बेतरतीब कर विक्षिप्त पड़ा है।।तुम पहली बूंद बन कर आ…

मन करता है कुछ लिखने को-अमित कुमार दवे

मन करता है कुछ लिखने को जब भी सत्य के समीप होता हूँ, असत्य को व्याप्त देखता हूँ ,शब्द जिह्वा पर ही रुक जाते हैं, मन करता है…..कुछ लिखने को ।। वाणी से गरिमा गिरने लगती है, लज्जा पलकों से हटने लगती है…

चित चोर राम पर कविता / रश्मि

Jai Sri Ram kavitabahar

चित चोर राम पर कविता / रश्मि चित चोर कहो , न कुछ और कहो। मर्यादा पूरूषोत्तम है । हे सखी !सभी जो मन भायेवो मनभावन अवध किशोर कहो। चित चोर…….. है हाथ धनुष मुखचंद्र छटा, लेने आये सिय हाथ यहां। तारा अहिल्या  को जिसने हे सखि…