कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

बस्तर धाम पर कविता-शशिकला कठोलिया

बस्तर धाम पर कविता उच्च गिरि कानन आच्छादित,    छत्तीसगढ़ का यह भाग, प्रकृति की गोद में बसा ,सुंदर पावन बस्तर धाम । नदियों का कल कल प्रवाह ,कर रही सुंदर दृश्यों की सर्जना,गिराते हराते जलप्रपात ,करते जैसे वारिद गर्जना । सघन…

रावण दहन करो

रावण दहन करो भीतर के रावण का दमन करो,फिर तुम रावण का दहन करो।पहले राम राज्य का गठन करोफिर तुम रावण का दहन करो। चला लेना तुम बाण को बेशक़,जला देना निष्प्राण को बेशक़।बचा लेना तू विधान को बेशक़,पहले राम…

दर्द के जज़्बात

दर्द के जज़्बात अवाम दिखाती दर्द के जज़्बात, पर हुकूमत क्या समझे ? कही अनकही बात, लोगों का पैसा तो नहीं खैरात! आखिर इन गै़रकानूनी से कब मिलेगी निजात? ग़ुरूर करवा देगीएक दिन इंकलाब से मुलाक़ात, जब करे हुकूमत ही जारी करेगीमनचाहे मनचले फरमान। आम आदमी काना हो नुकसान। ग़लत…

ग़ज़ल – रात भर बैठ कर

ग़ज़ल – रात भर बैठ कर घात काटी गई रात भर बैठ कर ।याद काटी गई रात भर बैठ कर ।। इश्क पर बंदिशें साल दर साल की। म्यांद काटी गई रात भर बैठ कर ।। हिज्र की रात में, आपकी…

तुम नहीं होती तब – नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

तुम नहीं होती तब चादर के सलवटों मेंबेतरतीब बिखरे कपड़ों मेंउलटे पड़े जूतों मेंकेले और मूंगफली के छिलकों मेंलिखे,अधलिखे और अलिखे मुड़े-तुड़े कागज़ के टुकडों में खुद बिखरा-बिखरा-सा पड़ा होता हूँ मेरे सिरहाने के इर्द-गिर्दएक के बाद एक डायरी,दैनिक अख़बारों,पत्रिकाओं,कविताओं, गजलोंऔर कहानियों की कई…