दर्द के जज़्बात

दर्द के जज़्बात

अवाम दिखाती दर्द के जज़्बात, 
पर हुकूमत क्या समझे ? 
कही अनकही बात, 
लोगों का पैसा तो नहीं खैरात! 
आखिर इन गै़रकानूनी से 
कब मिलेगी निजात? 
ग़ुरूर करवा देगी
एक दिन 
इंकलाब से मुलाक़ात, 
जब करे हुकूमत ही जारी करेगी
मनचाहे मनचले फरमान। 
आम आदमी का
ना हो नुकसान। 
ग़लत फैसलों से ना करे परेशान,
हुक्मरान न लें सब्र का इम्तिहान ।।

-राजशेखर
कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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