क्या होती है निराशा – धनेश्वर पटेल
क्या होती है निराशा लेती जो छीन जीने की आशापेंचीदा है ,इसकी परिभाषासवालों से घिरे बयां करते चेहरे,बता रहे क्या होती है निराशा।। खो गई मुस्कान कहीं दूर किस्मत में नहीं, वो भी मंजूर आंखो में छाई, काली घटा आंसू भी बरसने को मजबूर।। टूटे सपनों को फिर जोड़ना चाहूंजो … Read more