भारत माता रोती है -हृषिकेश प्रधान “ऋषि”
भारत माता रोती है जब-जब सीमा पर अपना,वीर सपूत खोती है ।तब भारत माता रोती है,तब भारत माता रोती है ।। सीने से लगाकर मां जिसको दूध पिलाती ।गोद में बिठाकर मां जिसको रोटी खिलाती ।छाती में लिटाकर मां…
भारत माता रोती है जब-जब सीमा पर अपना,वीर सपूत खोती है ।तब भारत माता रोती है,तब भारत माता रोती है ।। सीने से लगाकर मां जिसको दूध पिलाती ।गोद में बिठाकर मां जिसको रोटी खिलाती ।छाती में लिटाकर मां…
“डीजेन्द्र कुर्रे की कविता ‘स्वरोजगार तुमको ढूंढना है’ में स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता की प्रेरणा दी गई है। यह कविता युवाओं को स्वरोजगार के महत्व को समझाते हुए उन्हें प्रेरित करती है कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए…
पिता होने की जिम्मेदारी दो बच्चों का पिता हूँ मेरे बच्चे अक्सर रात मेंओढ़ाए हुए चादर फेंक देते हैओढ़ाता हूँ फिर-फिरवे फिर-फिर फेंकते जाते हैं उन्हें ओढ़ाए बिना… मानता ही नहीं मेरा मन वे होते है गहरी नींद मेंउनके लिए अक्सर…
पितृ पक्ष का सच्चा श्राद्ध ‘ आजका बच्चा कलका यूवाऔर परसो बुढ़ा होना है!ये प्रकृती का नियम है सबकोएक दिन इससे गुजरना है!! २आजकी बेटी कल पत्नी मातापरसो वह भी बनेगी सास!बेटा…
इंतज़ार आँखे में इंतज़ार करती है आँखेहर उस शक्श की, जिसकी जेब भरी हो,किस्मत मरी हो, लूट सके जिसे,छल सके जिसे, इंतज़ार करती है आँखे। इंतज़ार करती है आँखेहर उस बीमार की, जो जूझ रहा है मर्ज में,औंधे पड़ा है फर्श में, कर सके…