कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

सायली कैसे लिखें (How to write SAYLI)

हाइकु

सायली रचना विधान : सायली कैसे लिखें उदाहरण*= इश्क मिटा गया बनी बनायी हस्ती बिखर गया आशियाँ.. *© शिरीष देशमुख* तुझे याद नहीं मैं वहीं बिखरा छोडा जहां तुने..  © शिरीष देशमुख Post Views: 95

महंगाई -विनोद सिल्ला

 महंगाई महंगी  दालें  क्यों  रोज  रुलाती।सब्जी  दूर  खड़ी  मुंह  चढाती।। अब सलाद अय्याशी कहलाता है,महंगाई  में  टमाटर  नहीं भाता है,मिर्ची  बिन   खाए  मुंह  जलाती।। मिट्ठे फल ख्वाबों में  ही  आते  हैं,आमजन इन्हें नहीं खरीद पाते हैं,खरीदें  तो  नानी  याद  है…

चन्द्रयान 2 पर कविता -डी.राज सेठिया

चन्द्रयान 2 पर कविता काबिलियत है,पर मार्ग कठिन बहुत है।हासिल कुछ नही ,पर पाया बहुत है। हाँ नींद भी बेची थी,पर सकून बहुत पाया था।हाँ चैन भी बेची थी,पर गर्व बहुत पाया था।। दुआएं थी सवा सौ करोड़ लोगों की,वह…

विघ्न हरो गणराज-सुधा शर्मा

विघ्न हरो गणराज हे गौरी नंदन हे गणपति,प्रथम पूज्य  महराज। कृपा करो हे नाथ हमारे,विघ्न हरें गण राज।। घना तिमिर है छाया जग में, भटक रहा इंसान।   भूल गया जीवन मूल्यों को ,बना हुआ शैतान।।  हे दुख भँजन आनंददाता,करिए  पूरी…

वे है मेरे गुरु जी-रोहित शर्मा ‘राही’

भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे…