कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

डाँ. आदेश कमार पंकज के दोहे

डाँ. आदेश कमार पंकज के दोहे पाई पाई जोड़ के बना खूब धनवान । संस्कार नहीं जानता कैसा तू नादान ।। करता लूट खसोट है वा रे वा इन्सान । लालच में है घूमता बिगड़ गई सन्तान ।। क्यों तू…

17 मई विश्व दूरसंचार दिवस के अवसर पर एक कविता

विश्व दूरसंचार दिवस १७ मई को मनाया जाता है। यह दिन 17 मई 1865 को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ की स्थापना की स्मृति में विश्व दूरसंचार दिवस के रूप में जाना जाता था। वर्ष1973 में मैलेगा-टोर्रीमोलिनोन्स में एक सम्मेलन के दौरान इसे घोषित किया गया।…

मानव समानता पर कविता

मानव समानता पर कविता हम मानव मानव एक समान।हम सब मानव की संतान ।धर्म-कर्म भाषा भूषा से ,हमको ना किञ्चित् अभिमान ।हिंदू की जैसे वेद पुराण ।बस वैसे ही बाइबल और कुरान ।सब में छुपी हुई है एक ही ज्ञान।सभी…

शादी से पहले

शादी से पहले मैं जीना चाहता थाएकांत जीवन प्रकृति के सानिध्य में।पर न जाने कब उलझासेवा सत्कार आतिथ्य में ।अनचाहे  विरासत में मिलीदुनियादारी की बागडोर ।धीरे-धीरे जकड़ रही हैमुझे बिना किए शोर।कभी तौला नहीं थाअपना वजूद समाज के पलड़ों में…

आओ स्कूल चलें हम

आओ स्कूल चलें हम आओ स्कूल चलें हम,स्कूल में खुब पढ़ें हम।जब तक सांसे चले,तब तक ना रुके कदम । पढ़ लिख के बन जाएं नेहरू।खुले गगन में उड़ेगें बन पखेरू।गाता रहे हमारी सांसो की सरगम।जैसे परी रानी की पायल…