दिल की बात बताकर देखो

दिल की बात बताकर देखो दिल की बात बताकर देखोमन में दीप जलाकर देखो।कौन किसी को रोक सका हैनाता खास निभाकर देखो।आँखों की बतिया समझो तोलब पर मौन सजाकर देखो।इश्क़ सफ़ीना सबका यक साथोड़ा पार लगाकर देखो।लोग जगत सब मैला यारोंमन का वहम मिटाकर देखो।रब का एक नज़रिया सब परऐसा भाव जगाकर देखो। राजेश पाण्डेय … Read more

मंज़िल पर कविता

मंज़िल पर कविता   सूर्य की मंज़िल अस्ताचल तक,तारों की मंज़िल सूर्योदय तक।नदियों की मंज़िल समुद्र तक,पक्षी की मंज़िल क्षितिज तक। अचल की मंज़िल शिखर तक,पादप की मंज़िल फुनगी तक।कोंपल की मंज़िल कुसुम तक,शलाका की मंज़िल लक्ष्य तक। तपस्वी की मंज़िल मोक्ष तक,नाविक की मंज़िल पुलिन तक।श्रम की मंज़िल सफलता तक,पथिक की मंज़िल गंतव्य तक। … Read more

उपवन की कचनार कली है

            उपवन की कचनार कली है उपवन की कचनार कली है ।घर भर में  रसधार ढ़ली  है ।।यह दुहिता जग भार नहीं है ।अवसर दो  हकदार नहीं है ।।समय सुधा रस सिंचित  बेटी ।पथ गढ़ती अब किंचित बेटी ।।नव  युग  प्रेरक है अब  देखो ।सृजन महत्व मिला सब देखो ।।अब खुद  जाग रही सपने में ।हक … Read more

माँ पर कविता

    माँ पर कविता   बड़ी हसरत भरी आँखे लिए क्या           ताकती है माँ ।नहीं कहती जुबाँ से वो मगर कुछ           चाहती है माँ ।।बदलते रोज हम कपड़े नये फैशन             जमाने   के ,तुम्हे कुछ है पता साड़ी पुरानी           टांकती है माँ ।अगर कोई कभी आये तुम्हारे घर            जरा    देखो ,कमी कोई न हो अक़सर झरोखे           झांकती … Read more

फागुन में पलाश है रंगों भरी दवात

फागुन में पलाश है रंगों भरी दवात फागुन में पलाश है, रंगों भरी दवात ।रंग गुलाबी हो गया, इन रंगों के साथ ।।अँखियों से ही पूछ गया, फागुन कई सवाल ।ख्बावों का संग पा लिया, ये नींदें कंगाल ।।पलट-पलट मौसम तके, भौचक निरखें धूप ।रह-रहकर चित्त में हँसे, ये फागुन के रूप ।।फूलों भरी फुलवारियाँ, … Read more