तीन कविताएं

तीन कविताएं                         1बाहें फैलायेमांग रही दुआएँ,भूल गया क्यामेरी वफ़ाएँ!ओ निर्मोही मेघ!इतना ना तरसा,तप रही तेरी वसुधाअब तो जल बरसा!                        2बूंद-बूंद को अवनी तरसे,अम्बर फिरभी ना बरसे!प्यासा पथिक,पनघट प्यासाप्यासा फिरा, प्यासे डगर से!प्यासी अँखिया पता पूछे,पानी का प्यासे अधर से!बूंद-बूंद को अवनी तरसेअम्बर फिरभी ना बरसे!                      3प्रदूषण से कराहती,शांत हो गई है!कहते हैं … Read more

कश्मीरी पत्थरबाजों पर दोहे

कश्मीरी पत्थरबाजों पर दोहे धरती का जो स्वर्ग था, बना नर्क वह आज।गलियों में कश्मीर की, अब दहशत का राज।।भटक गये सब नव युवक, फैलाते आतंक।सड़कों पर तांडव करें, होकर के निःशंक।।उग्रवाद की शह मिली, भटक गये कुछ छात्र।ज्ञानार्जन की उम्र में, बने घृणा के पात्र।।पत्थरबाजी खुल करें, अल्प नहीं डर व्याप्त।सेना का भी भय … Read more

चंदन के ग़ज़ल (chandan ke gazal)

यहाँ पर चंद्रभान पटेल चंदन के ग़ज़ल (Chandan Ke Gazal) के बारे में पढेंगे यदि आपको अच्छी लगी हो तो शेयर जरुर करें मैं दरिया के बीच कहीं डूबा पत्थर मैं दरिया के बीच कहीं डूबा पत्थर ,तू गहनों में जड़ा हुआ महँगा पत्थर।। तुझ को देख के नदी का पानी ठहर गया,तुझ को छू … Read more

रामनाथ की कुण्डलिया

रामनाथ की कुण्डलिया (1)  प्रातः  जागो भोर में ,                    लेके  हरि  का   नाम ।       मातृभूमि वंदन करो ,                    फिर पीछे सब काम ।।       फिर पीछे सब काम ,                   करो तुम दुनियादारी ।       अपनाओ    आहार ,                   शुद्ध ताजे  तरकारी ।।       कह ननकी कविराज ,                 मांस ये मदिरा त्यागो ।       देर  रात  मत जाग ,                  हमेशा   प्रातः  … Read more

जाऊँ कैसे घर मैं गुजरिया

जाऊँ कैसे घर मैं गुजरिया नटखट कान्हा ने रंग दी चुनरिया जाऊँ कैसे घर मैं गुजरियानीर भरन मैं चली पनघट को देख ना पाई उस नटखट कोडाली पे बैठा कदंब के ऊपरधम्म से कूदा मेरे पथ पर रोकी जो उसने मेरी डगरिया जाऊँ—- मेरी नजरें पथरा गई थी मैं तो बस घबरा गई थी अबीर गुलाल से सना था चेहरा आँखों … Read more