सुंदर और अच्छे में भेद
सुंदर और अच्छे में भेद युवावस्था में सुंदर दिखते हैं सभी,चाह होती है,उम्र की परवाह होती है,श्रृंगार से प्रेम,दर्पण से लगाव,घण्टों निहारते अपने हाव-भाव,आधुनिक परिधानों से सुसज्जित,भीड़ में अलग दिखने की चाह में भ्रमित!किंतु–प्रौढ़ावस्था में,श्रृंगार बदलने लगता है,कभी मन मचलता था अब,शांत रहने लगता है!सुर्ख,चटक रंगों को छोड़,मन जोगिया चुनने लगता है,भीड़,शोर से दूर,एकांत में … Read more