माधव श्री कृष्ण पर कविता
सबके दिल मे रहने वाला,
माखन मिश्री खाने वाला।
गाय चराते फिरते वन मे,
सुंदर तान सुनाने वाला ।
खेल दिखाते सुंदर केशव,
सबके मन को भाने वाला।
भाये ना केशव मुझको अब,
हर दस्तूर जमाने वाला।
ध्यान धरे है माधव सबकी,
दुख सबके है हरने वाला।
क्यों ऐसी बातें करता हैं ,
हिंसा को भड़काने वाला।
जागृति मिश्रा रानी